ले रहे चैन की साँस हम,
गुलामी की जंजीरों से हो गए आज़ाद हम ।
नफ़रत की दीवारों को तोड़कर,
एकता की लकीरों को जोड़कर,
अपनी अंतरात्मा को जागृत कर ।
शान्ति का दीप जलाकर,
इस देश के भाईचारे को बचाकर,
उन अमर शहीदों का गुणगान कर ।
आओ रखे हम अपनी आज़ादी को संभालकर ।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
यहाँ सुने :-
---आदित्य राय (काव्यपल)
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