जिसके पास है सुनहरी यादेँ,
वो हैं दुनिया में सबसे अमीर ।
बचपन की वो गलियां,
घुमाती हैं तस्वीरों की दुनिया ।
भाई बहन के एक दूसरे के
कंधों पे रखे हाथ,
वो तस्वीर जिगरी दोस्तो के साथ,
नाचते गाते पिकनीक मनाते,
एक दूसरे के जन्मदिन में गाते ।
जवानी की दहलीज़ पर रखते कदम,
बचपन की तस्वीरों से दूर जाते वो हम ।
नए चेहरों का होता हमारे तस्वीरों में आगमन,
पुरानी यादों को सहेज मंद मंद मुस्काते हम ।
जब घर जाते तो पलटते वो एल्बम के पन्ने,
पुरानी यादों को समेटना चाहते थोड़े ही पल में ।
नए लोग पुकारते कहते ,आजा लेले तस्वीर उस पल की,
जो खो जाएंगे कुछ ही पल में ।
वो लोग भी हमसे दूर चले जाते हैं,
रह जाते हम उन तस्वीरों के सहारे ही हैं ।
तस्वीरों की कीमत हम तब ही समझ पाते हैं,
जब वो पल हम कही ढूंढ नहीं पाते हैं ।
हर तस्वीर की कहानी कुछ बयां कर जाती हैं,
पुराने पलों की कीमत हमें समझा जाती हैं ।
तस्वीरों की दुनिया अनोखी होती हैं,
थोड़ा हँसाती हैं ,थोड़ा गुदगुदाती हैं ।
यहाँ सुने :-
---आदित्य राय (काव्यपल)
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