मैं वापस कुछ पल दोहराना चाहता हूं,
दोस्तों, मैं बचपन में लौट जाना चाहता हूं।
वापस उन दोस्तों को बुलाना चाहता हूं,
खूबियां और खामियां भुलाना चाहता हूं।
अपनी कुछ करतूतों से हंसान चाहता हूं,
मैं जिम्मेदारिया अपनी भूल जाना चाहता हूं।
मैं बच्चा बनकर हर डांट से बच जाना चाहता हूं,
मैं तोतली आवाज में गीत गुनगुनाना चाहता हूं।
सुहावने मौसम का फसाना चाहता हूं,
कागज की नाव फिर से बनाना चाहता हूं।
स्कूल से थक-थक कर आना चाहता हूं,
परियों की कहानी का आनंद पाना चाहता हूं।
ऐ समय, ये मुमकिन तो नहीं, परन्तु,
मैं तुझे किसी प्रकार रुकवाना चाहता हूं।
दोस्तों, मैं बचपन में लौट जाना चाहता हूं।।
हां, मैं लौट जाना चाहता हूं।
स्पर्श भटेजा (Gularbhoj, Rudrapur, Uttarakhand)
Comments
Post a Comment