आंसू




क्या है आंसू ? पानी का धार  ,
जो नयनो से टपकते रहते अपार ।
दुख कष्टों में जो निकलते हैं ,
जिसे देख अन्य व्यक्ति पिघलते हैं। 

क्या आंसू का अर्थ यही तक सीमित है ?
खुशियों में भी तो आंसू छलकते हैं ।
चिंता या पुरानी यादें ले आते  है संग अपने, 
कई सारी कल्पनाएं और सपने। 

आंसू तो बस नयनों से गिरते हैं, 
वेदना को हल्का करते हैं 
आंसू के बहाव को समझो ना कमजोरी , 
मनुष्य के जीवन में भावुकता भी है जरूरी।


-उत्तीर्णा धर ( प्रेसीडेंसी  यूनिवर्सिटी, कोलकाता  )

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